मम्मी नहीं जाना स्कूल
मुझको मत कपड़े पहनाओ
बालों मे न बांधो फूल
नासता भी तैयार करो मत
हमको नहीं जाना स्कूल
रिक्से के पीछे
लटके लटके
डर लगता है झटके से
अंदर बैठूँ तो पिच जाऊ
खड़ी रहूँ तो लटके झटके
टीचर जी बस डांट पिलातीं
सर जी छूते इधर उधर
वाशरूम भी साफ नहीं है
जाऊ तो मैं जाऊ किधर
आया दिनभर मुह बिचकाती
भैया गाते गाना
बच्चे चोटी खीच डालते
चट कर जाते खाना
मैं तो घर मे ही पढ़ लूँगी
तुम ही मुझे पढ़ाओ
गंदे संदे स्कूलों से
छुट्टी मुझे दिलाओ
- कुशवंश