अंग्रेजी में पढ़े बढे हम
हिंदी हमें नहीं आती
भाषा की कैसी परिभाषा
फूटी आँख नहीं भाती
मम्मी पापा, माम डैड हैं
दादा-दादी ग्रांड
भैया मेरे नंबर वन हैं
लगते जेम्स बांड
दीदी जब कालेज से आती
ऐसे करती एक्शन
जैसे वो मस्ती चैनल में
करती जैनेट जैक्शन
मम्मी हाय हैलो में रमती
पापा क्लब में बंद
भैया दीदी पब में जाते
मन में अन्तर्द्वन्द
कहाँ गए रावन के राम
कहाँ गयी सीता माता
कहाँ गए राधा और कृष्ण
कैसे टूट गया नाता
राम लीला में मेला देखो
दीवाली में पपलू
होली में मुह काला करके
बन जाओ बस बबलू
होली में मुह काला करके
बन जाओ बस बबलू
कल 16/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत गहरी चोट की है. अति सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .....मजेदार
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