बच्चों का आकाश

Wednesday, March 6, 2013

हिन्दी बहुत डराएँ




मम्मी  मुझसे 
काम न कहना 
मेरा कठिन समय 
सालाना इक्जाम हो रहे 
सर पर सवार है भय 
अंग्रेजी और मैथ की होगई 
है सारी तैयारी 
हिन्दी से डर  लगता मुझको 
रूह कांपती सारी 
क्या ये है बेकार की भाषा 
अक्षर औ मात्राएँ 
संस्कृत के  सब श्लोक और शैली 
मुझको बहुत डराएँ 
सीधी सी , अन्ग्रेजी  भाषा 
न टेढ़ी मात्राएँ 
बचपन से ही  जिंगल  धुन 
रटे  और रटाये 
मास्टर जी से टीचर जी की 
कितनी प्यारी गरिमा 
अंग्रेजी की मेंम की  देखो 
कैसी सुन्दर महिमा 
हिन्दी वाली टीचर  जी की 
कैसी कठिन पढाई 
उन्सठ,उनहत्तर ,उन्यासी ,नवासी 
मुझ्कॊ समझ न आयी 
जैसे तैसे  बीत जाए सब 
होजाए हम पास 
हिन्दी से तौबा हो जाये 
मिल जाए बस क्लास .



7 comments:

  1. आज की सच्चाई, खैर, वो सफ़र ही क्या जो काँटों भरा न हो :)

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    1. आज के बच्चे दुकान से सामान ले रहे हो तो पलटकर पूछने आते है उन्तर कितना हुआ सेवॅंटी नाइन या फिर एटी नाइन ?

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  2. बच्चों के मन की सी..... हिंदी से उन्हें जोड़ने का प्रयास हमें भी करना होगा ....

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  3. आपको नव संवत 2070 की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

    आज 11/04/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की गयी हैं. आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  4. हिंदी का डर बच्चों के दिमाग से निकालना होगा .हिंदी जैसे लिखी जाती है वैसे पढ़ी जाती है
    LATEST POSTसपना और तुम

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  5. आजकल के बच्चों के मन की बात.....
    नव संवत्सर मंगलमय हो....

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  6. हिंदी से सुंदर और सरल भाषा कोई और नहीं है..
    http://prathamprayaas.blogspot.com

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