
आ गई गर्मी की छुट्टी
पढ़ने से अब हो गई कुट्टी ,
बस्ते मे बंद किताबे सारी
अब सैर की करो तैयारी,
पापा अब प्रोमिस निभाओ
शिमला की अब सैर कराओ,
चले मनाली , कुफ़री कुल्लू
नैनीताल गया है बिल्लू,
मम्मी जल्दी टिकट कटाओ
हवाई जहाज को बुक करवाओ,
आसमान मे उड़ना है
बादलों से जुड़ना है,
ऐवरेस्ट की चोटी छूकर
बनना और सवरना है,
नानी के घर भी जाना है
नानू को बहुत छकाना है,
मामा-मामी की पीठ पे चढकर
भालू डांस कराना है ,
दादा जी का चसमा तोड़ूँ
दादी जी की मटकी फोड़ूँ,
चाचू की गुम सिट्टी- पिट्टी
आ गई गर्मी हो गई छुट्टी ॰
-कुशवंश
प्यारी रचना
ReplyDeleteछुट्टी तो बच्चों के लिये वरदान जैसा होता है।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना। बहुत खूब।
छुट्टी तो बच्चों के लिये वरदान जैसा होता है।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना। बहुत खूब।